पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 4 जनवरी सुबह 10:30 बजे दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर पीएम एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इस महोत्सव का उद्देश्य ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया है. जो ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक समावेशी ग्रामीण भारत का निर्माण’ करने की थीम पर आधारित होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का उद्घाटन करेंगे. ये महोत्सव 4 जनवरी से 9 जनवरी तक चलेगा. इस मौके पर पीएम एक सभा को भी संबोधित करेंगे. ये महोत्सव ‘विकसित भारत’ 2047 के लिए एक सुदृढ़ ग्रामीण भारत का निर्माण करने की थीम पर आधारित होगा. पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 4 जनवरी सुबह 10:30 बजे दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर पीएम एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
‘गांव बढ़े, तो देश बढ़े’
पीएमओ ने अपने बयान में कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया है. जो ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक समावेशी ग्रामीण भारत का निर्माण’ करने की थीम पर आधारित होगा. जिसका मोटो “गांव बढ़े, तो देश बढ़े” है. ये महोत्सव 4 से 9 जनवरी तक चलेगा.
‘नवाचार को बढ़ावा देगा महोत्सव’
महोत्सव का उद्देश्य विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और मास्टर क्लास के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का निर्माण करना और ग्रामीण समुदायों के अंदर नवाचार को बढ़ावा देना है. इसके उद्देश्यों में वित्तीय समावेशन को संबोधित करके और टिकाऊ कृषि विधियों को अपना कर, उत्तर-पूर्व भारत पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ ग्रामीण आबादी के बीच आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना शामिल है.इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य उद्यमिता के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना, सरकारी अधिकारियों, विचारकों और ग्रामीण उद्यमियों को एक साथ लाना है। विभिन्न क्षेत्रों के कारीगर और हितधारक सहयोगात्मक और सामूहिक ग्रामीण परिवर्तन के लिए एक रोडमैप का निर्माण करेंगे, ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और अभिनव प्रथाओं का लाभ उठाने के बारे में चर्चा को प्रोत्साहित करेंगे और जीवंत प्रदर्शन और प्रदर्शनियों के जरिए से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेंगे.
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