दिल्ली विधानसभा चुनाव : अभी तक जो रुझान/परिणाम आए हैं, उनमें AAP के हाथ से दिल्ली की सत्ता जाती दिख रही है. BJP लगभग दो-तिहाई सीटें जीतने की ओर अग्रसर है,भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत का आंकड़ा पार लिया है और आम आदमी पार्टी आधी से भी कम सीटों पर सिमटती नजर आ रही है, सभी बड़े नेताओं का भी सफाया हो गया है |

दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया है,मतगणना के रुझान/नतीजे यही बताते हैं, बता दें कि 5 फरवरी को एक फेज में दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव लड़ा गया था. इसमें कुल 699 उम्मीदवार थे. चुनाव में आम आदमी पार्टी , भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच टक्कर रही. भारतीय जनता पार्टी पिछले 27 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर थी, आम आदमी पार्टी 2015 से दिल्ली की सत्ता पर काबिज रही, आम आदमी पार्टी के बड़े चेहरे भी चुनाव हार गए. नई दिल्ली सीट पर पूर्व सीएम और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को शिकस्त मिली. उन्हें बीजेपी के पूर्व एमपी प्रवेश वर्मा ने मात दी. जंगपुरा से पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी हार का सामना करना पड़ा. इससे तय हो गया है कि 27 साल बाद बीजेपी की किस्मत बदलती नजर आ रही है और वो दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने वाली है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्लाह ने आम आदमी पार्टी की इस हार के लिए इंडिया गठबंधन के सहयोगी की लड़ाई पर ठीकरा फोड़ा है. दरअसल AAP और कांग्रेस दोनों ही विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन दिल्ली में दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आम आदमी पार्टी की इस करारी हार के लिए सच में कांग्रेस जिम्मेदार है?
दिल्ली में आप की करारी हार के अलावा कांग्रेस का भी प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहे हैं. इसे लेकर नई दिल्ली सीट से कांग्रेस प्रत्याशी संदीप दीक्षित से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, ‘हम इस बात को स्वीकार करते हैं कि हमारी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. शायद लोगों को हम पर भरोसा नहीं हुआ. दिल्ली के लोगों को ऐसा लगा होगा कि शायद हम उन्हें अच्छी सरकार नहीं दे पाएंगे, इसलिए उन्होंने हमें चुनना जरूरी नहीं समझा.
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