अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। भाजपा के चंद्रभानु पासवान ने सपा के अजीत प्रसाद को बड़े अंतर से हरा दिया है।
आम तौर पर उपचुनावों में वोटरों का उत्साह ठंडा रहता है, लेकिन मिल्कीपुर ने मतदान का इतिहास रच दिया है। 1967 से लेकर अब यहां हुए 15 चुनावों में इस बार सर्वाधिक मतदान हुआ है। 2022 के आम चुनाव के मुकाबले भी यह आंकड़ा 5% अधिक है। बुधवार (पांच फरवरी) को यहां मतदान हुआ था। समाजवादी प्रत्याशी अजीत प्रसाद और भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान सहित 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रहे। मुख्य मुकाबला भाजपा व सपा उम्मीदवार के बीच ही देखने को मिल रहा था। इस जीत के साथ ही भाजपा ने अयोध्या की हार का बदला समाजवादी पार्टी से ले लिया है. क्योंकि यह सीट पहले समाजवादी पार्टी के कब्जे में था. इसी सीट से अवधेश प्रसाद विधायक थे. लेकिन अयोध्या से सांसदी जीतने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी. इसके बाद समाजवादी पार्टी ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार के तौर पर उतारा था. मिल्कीपुर में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद अपने ही बूथ में हार गए. मिल्कीपुर के इनायतनगर बूथ पर अजीत प्रसाद को मिली बड़ी हार है |

सीएम योगी ने कहा कि इस समाजवादी पार्टी के परिवारवाद और झूठ की राजनीति को पूर्ण विराम देते हुए डबल इंजन सरकार के सेवा, सुरक्षा और सुशासन के मॉडल को स्वीकार किया. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि “आज दिल्ली को प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में चलने वाली सरकार मिली है, मिल्कीपुर की ऐतिहासिक जीत पर मैं भाजपा उम्मीदवार को बधाई देता हूं। समाजवादी पार्टी की गुंडागर्दी हारी है। ये शुरुआत है, 2027 में समाजवादी पार्टी समाप्तवादी पार्टी बन जाएगी।”
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