
वाराणसी। चिरईगांव विकासखण्ड के छितौना गांव में पिछले 5 जुलाई को जमीन और निराश्रित गोवंश को लेकर दो पक्षों में हुए खूनी संघर्ष में गंभीर रूप से घायल छोटू राजभर (45 वर्ष) की बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में गुरूवार की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। छोटू राजभर तीन महीने से जिंदगी और मौत से जूझ रहा थे।अब छोटू राजभर की मौत के बाद सियासत एक बार फिर गर्माती दिख रही थी। गांव में तनाव का माहौल बना।इस दौरान चौबेपुर पुलिस सुरक्षा के बीच शव का अंतिम संस्कार कराने की तैयारी में जुटी रही। वहीं परीजनो और ग्रामीणों ने आक्रोशित हो शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख मौके पर एसडीएम सदर नितिन सिंह और एसीपी विदुष सक्सेना ने पहुंच कर परिजनों और ग्रामीणों से बात कर समझा-बुझाकर शव को अंतिम संस्कार क्रिया के लिए भिजवाया। एसडीएम ने कहा कि प्रशासन की तरफ से आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है मामले की निष्पक्ष जांच कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी और जो भी संभव मदद होगी परीजनो को दिलवाने की कोशिश की जाएगी।
आपको बता दें कि इस खूनी संघर्ष में जमकर तलवारबाजी और लाठियां चली थी। इस दौरान पांच लोग घायल हो गये थे। गंभीर घायलों का इलाज बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में चला, जिनमें अधिकांश स्वस्थ होकर घर लौट आए, लेकिन छोटू राजभर की स्थिति नाजुक बनी रही। घटना में आरोपी संजय सिंह भी घायल हुआ था। बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसी मामले में संजय के दोनों बेटे जेल में बंद हैं। घटना के बाद मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था। मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी।


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