वाराणसी। महाकुंभ-2025 के आयोजन के दौरान वाराणसी में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए और किसी भी संभावित दुर्घटना/आपदा से सुरक्षा, बचाव, और रोकथाम सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से गंगा नदी के ललिता घाट पर मॉक अभ्यास का आयोजन किया गया। मॉक अभ्यास गंगा नदी में स्नान के दौरान डूबते हुए व्यक्तियों को सुरक्षित बचाने पर केंद्रित था। एनडीआरएफ को आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए सूचित किया गया। एनडीआरएफ टीम ने दुर्घटना स्थल पर पहुंचकर प्रारंभिक आकलन किया और तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। एनडीआरएफ टीम ने विभिन्न बचाव तकनीकों का उपयोग करते हुए पीड़ितों को सुरक्षित निकाला। मेडिकल एजेंसियों ने प्राथमिक उपचार प्रदान किया, जिसके बाद पीड़ितों को बेहतर चिकित्सा सेवाओं के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।

इस पूरे अभ्यास के दौरान इंसिडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम (IRS) के दिशा-निर्देशों का पालन किया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपदा के समय सभी हितधारकों, जैसे जल पुलिस, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ, और चिकित्सा विभाग आदि के बीच आपसी तालमेल को मजबूत करना और आपातकालीन स्थिति में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था।

आपको बता दे कि उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में एनडीआरएफ की टीम काशी के गंगा घाटों की नियमित निगरानी करती है और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करती है।
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